पहला पहला प्यार हैं, पहली पहली बार हैं
जानके भी अनजाना, कैसा मेरा यार हैं
उसकी नजर, पलकों की चिलमन से मुझे देखती
उसकी हया, अपनी चाहत का राज खोलती
छूप के करे जो वफा, ऐसा मेरा यार हैं
वो हैं निशा, वो ही मेरे जिंदगी की भोर हैं
उसे हैं पता, उसके ही हाथों में मेरी डोर हैं
सारे जहां से जुदा, ऐसा मेरा यार हैं
जानके भी अनजाना, कैसा मेरा यार हैं
उसकी नजर, पलकों की चिलमन से मुझे देखती
उसकी हया, अपनी चाहत का राज खोलती
छूप के करे जो वफा, ऐसा मेरा यार हैं
वो हैं निशा, वो ही मेरे जिंदगी की भोर हैं
उसे हैं पता, उसके ही हाथों में मेरी डोर हैं
सारे जहां से जुदा, ऐसा मेरा यार हैं
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