Friday, April 16, 2010

{9} गीत कार- शैलेन्द्र गायक-लता मंगेशकर -मुकेश संगीतकार-शंकर जयकिशन

आ अब लौट चले
नैन बिछाए, बाहें पसारे, तुज को पुकारे देश तेरा
सहज हैं सीधी राह पे चलना, देख के उलज़ं बच के निकलना
कोइ ये चाहे माने ना माने, बहोत हैं मुश्किल गिर के संभालना
आँख हमारी मंजिल पर हैं, दिल में की मस्त लहर हैं
लाख लुभाए महल पराये, अपना घर फिर अपना घर हैं




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