इतनी शक्ति हममे देना दाता , मनन का विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चले नेक रास्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो ना...
दूर अज्ञान के हो अँधेरे, तू हममे ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहे हम, जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर हो न किस्सिका किस्सी से, भावना मनन में बदले की हो ना...
हम चले..........
हम न सूचे हममे क्या मिला है, हम ये सूचे किया क्या है अर्पण
फूल खुशियूं के बनते सभी को सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुना को जब तू बहा दे करदे पावन हर एक मनन का कोना
हम चले..........
इतनी शक्ति हममे देना दत्ता, मनन का विश्वास कमज़ोर हो ना
इतनी शक्ति हममे देना दत्ता, मनन का विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चले नेक रास्ते पे हमसे भूल कर भी कोई भूल हो ना...
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